आठवीं पंचवर्षीय योजना
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आठवीं पंचवर्षीय योजना
8 फ़रवरी 2015 को 12:56 am बजे0
आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97) में ‘मानव संसाधन का विकास’ अर्थात् रोजगार, शिक्षा व जनस्वास्थ्य को शीर्ष प्राथमिकता दी गई. इस योजना अवधि को देश में औद्योगिक उदारीकरण की नींव डालने वाली भी कहा जा सकता है. देश में पीवी नरसिंहराव की सरकार थी जिसने उद्योगों के उदारीकरण पर जोर दिया. वित्तमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में मुक्त बाजार सुधारों की नींव रखी. इस दौरान आधारभूत ढांचे में सुधार तथा शताब्दी के अंत तक लगभग पूर्ण रोजगार को प्रमुख लक्ष्य बनाया गया. भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य 95 में बना. यह योजना सफल रही तथा 5.6 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि-दर के लक्ष्य से ज्यादा 6.7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर प्राप्त की गई. प्रधानमंत्री रोजगार योजना की शुरुआत इसी योजना अवधि में हुई.