919,170,422%
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अगर बीते बीस साल में मोबाइल उपयोक्ताओं की संख्या में बढोतरी की जाए तो भारत अपने निकटवर्ती देशों से कहीं आगे है. स्प्रिंगबोर्ड के एक सर्वेक्षण के अनुसार बीते 20 साल में भारत में मोबाइल धारकों की संख्या में 919,170,422 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई. 91 करोड़ प्रतिशत से अधिक की यह बढोतरी 1992-2012 के दौरान दर्ज की गई. यह सर्वे इन्फोग्राफिक (infographic) ने 2012 में किया था. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बढोतरी की इस दर में उसके बाद भी गिरावट नहीं आई है बल्कि स्मार्टफोन बिक्री उससे भी अधिक तेजी से बढी है. भारत में स्मार्टफोन नोकिया, माइक्रोमैक्स, सैमसंग, ब्लैकबेरी या आइफोन को छोड़ दें तो हम में से कितने लोग जानते हैं कि शियोमी, जोला, वीवो, वन प्लस, हुआवेइ.. जैसे ये नाम भी मोबाइल की दुनिया में बहुत नाम काम चुके हैं और इन सबकी निगाह भारतीय बाजार पर है. यही कारण है कि वे भारतीय बाजार को ध्यान में रखते हुए हैंडसेट पेश कर रह हैं. आखिर हो भी क्यों नहीं क्योंकि भारत दुनिया का प्रमुख स्मार्टफोन बाजार बनने की ओर बढ रहा है. ऐसा अनुमान है कि 2016 तक यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार होगा. साल 2013 में स्प्रिंगबोर्ड रिसर्च में भारत को दुनिया का सबसे तेजी से बढता वायरलैस यानी मोबाइल बाजार बताया गया था. भारत में कितने स्मार्टफोन बिक रहे हैं. इस बारे में ज्यादातर आंकड़े व अनुमान अनुसंधान के हैं. जैसे कि अनुसंधान फर्म ई मार्केटर ने हाल ही में एक सर्वेक्षण में कहा कि 2016 तक भारत में स्मार्टफोन उपयोक्ताओं या धारकों की संख्या 20 करोड़ को लांघ जाएगी और वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार होगा. एक अन्य अनुसंधान फर्म आईडीसी का कहना है कि भारत में 2013 में 4.4 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन बिके. साल 2014 की जनवरी से सितंबर तक यह बिक्री 5.93 करोड़ को लांघ गई और फर्म का मानना है कि 2014 में यह आंकड़ा 8.05 करोड़ से अधिक होगा. क्यों बढ रही है संख्या भारत में स्मार्टफोन की बिक्री दिन दोगुनी रात चौगुनी बढने के कई कारण हैं. इनमें से एक तो यह है कि लोग बेसिक मोबाइल फोन से स्मार्टफोन की ओर जा रहे हैं. जैसे कि फिलहाल यह अनुपात 75:35 का है. यानी 100 मोबाइल उपयोक्ताओं में से 75 लोगों के पास बेसिक मोबाइल फोन व 35 के पास स्माटफोन है. जिन लोगों के पास बेसिक फोन हैं वे तेजी से स्मार्टफोन अपना रहे हैं. आने वाले दिनों में यह अनुपात उलटा होने का अनुमान है. यानी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढेगी. इसके अलावा बेहतर फीचर वाले सस्ते फोनों के कारण भी आम लोग स्मार्टफोन खरीद पा रहे हैं. माइक्रोमैक्स जैसी घरेलू कंपनियों ने इस दिशा में उल्लेखनीय काम किया है. स्मार्टफोन की जो रेंज कभी 15 या 20 हजार से शुरू होती थी अब 4-5 हजार रुपये में शुरू हो रही है.