यमुना नदी की सफाई
यमुना नदी की सफाई
देश की प्रमुख नदियों में से एक यमुना को अगर सबसे प्रदूषित नदियों में भी शामिल किया जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. मई 2012 में केंद्र सरकार ने स्वीकार किया कि भारी धनराशि खर्चने के बावजूद यमुना नदी को अभी भी साफ नहीं किया जा सका है. दरअसल पर्यावरण वन मंत्री जयंती नटराजन ने लोकसभा में बताया कि यमुना कार्य योजना के प्रथम चरण को अप्रैल 1993 से शुरू कर फरवरी 2003 में पूरा किया गया और इस पर कुल लागत 682 करोड़ रूपये आयी. यमुना कार्य योजना-दो को 624 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत पर वर्ष 2003 में मंजूरी दी गयी थी. इस योजना के तहत 711 . 05 करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं जिसमें राज्यों का हिस्सा भी शामिल है. यमुना कार्ययोजना जापान अंततराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानी जेआईसीए के सहयोग से चलाई जा रही है. नटराजन ने कहा कि यमुना नदी में जिस तेजी से गंदगी गिर रही है और उस तेजी से शोधन नहीं हो रहा. इन दोनों में भारी अंत है और ताजा जल की कम उपलब्धता ने हालात को जटिल कर दिया है.