मेगा फूड पार्क योजना
मेगा फूड पार्क योजना
मेगा फूड पार्क योजना ( mega food park scheme ) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की महत्वाकांक्षी परियोजना है. इस योजना का उद्देश्य आपूर्ति श्रृंखला के हर चरण में खासकर जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की बर्बादी में कमी लाने व उनका मूल्यवर्द्धन करते हुए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देना है. इस योजना ( MFPS ) की शुरुआत 2008 में हुई थी. इसके तहत मेगा फूड पार्क की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है. इसमें खेत से लेकर बाजार तक की मूल्य श्रृंखला में खाद्य प्रसंस्करण हेतु आधुनिक बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है. मेगा फूड पार्क कम से कम 50 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया जाता है और संकुल क्लस्टर आधारित अवधारणा के तहत काम करता है. यह ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर आधारित होता है जिसके तहत केंद्रीकृत व एकीकृत लॉजिस्टिक प्रणाली का नेटवर्क स्थापित किया जाता है. इसमें प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्रों (पीपीसी) के रूप में खेतों के निकट प्राथमिक प्रसंस्करण एवं भंडारण कार्यों के लिए बुनियादी ढांचागत सुविधाएं स्थापित की जाती हैं. केंद्रीयय प्रसंस्करण केन्द्र में अनेक साझा सुविधाओं के साथ-साथ उपयुक्त बुनियादी ढांचागत सुविधाएं भी होती हैं जिनमें आधुनिक भंडारण, शीत भंडारण, आईक्यूएफ, पैकेजिंग, बिजली, सड़क, जल इत्यादि शामिल हैं. इससे सम्बंधित इकाइयों की लागत काफी हद तक घटाने में मदद मिलती है जिससे वे और ज्यादा मुनाफा देने वाली हो जाती हैं. अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना, बेहतर प्रसंस्करण नियंत्रण के जरिये प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित होना और पर्यावरण व सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना मेगा फूड पार्कों के अन्य अहम फायदे हैं. सरकार ने मार्च 2015 तक देश भर में 42 मेगा फूड पार्कों को मंजूरी दी थी. इनमें से 25 परियोजनाएं निर्माणाधीन थीं. इसके बाद मंत्रालय को 72 प्रस्ताव मिले जिनमें से देश के 11 राज्यों के 17 समुचित प्रस्तावों का चयन किया गया तथा उन्हें मंजूरी भी दे दी गई है. यानी 17 नये फूड पार्क स्थापित करने की मंजूरी 24 मार्च 2015 को दी गई. इन 17 नव चयनित मेगा फूड पार्कों से अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे में तकरीबन 2000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने का अनुमान है. इसी तरह पार्कों में स्थित 500 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में तकरीबन 4000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सामूहिक निवेश आकर्षित होने का अनुमान है. इनका सालाना कारोबार 8000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. सरकार का कहना है कि इन पार्कों के पूरी तरह से कार्यरत हो जाने पर तकरीबन 80000 लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे और इनसे लगभग 5 लाख किसान प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लाभान्वित होंगे. सरकार ने 24 मार्च 2015 को इन 17 नए मेगा फूड पार्कों को मंजूरी दी- मेगा फूड पार्कों की सूची क्र.स. परियोजना का नाम जिला राज्य परियोजना लागत, करोड़ रु में राज्य सरकार एजेंसियों के पात्र प्रस्ताव 1 Kerala State Industrial Development Corporation Limited (KSIDC) Alappuzha Kerala 125.00 2 Andhra Pradesh Industrial Infrastructure Corporation (Telangana Division) Khammam Telangana 141.03 3 Haryana State Industrial & Infrastructure Development Corporation Limited Sonipat Haryana 164.33 4 Odisha Industrial Infrastructure Development Corporation (IDCO), Khurda Odisha 116.26 5 Punjab Agro Industries Corporation Ltd., Ludhiana Punjab 136.00 6 Andhra Pradesh Industrial Infrastructure Corporation (APIIC), Krishna Andhra Pradesh 152.16 निजी क्षेत्र एजेंसियों के पात्र प्रस्ताव 7 Adani Ports and Special Economic Zone Ltd., Kutch Gujarat 168.60 8 Jain Agro Trading Company Private Limited Wardha Maharashtra 88.73 9 RuchiAcroni Industries Ltd. Dewas Madhya Pradesh 150.37 10 3F Industries Ltd. Krishnagiri Tamil Nadu 127.78 11 RaagaMayuriAgrovetPvt. Ltd., Mahboobnagar Telangana 112.05 12 Continental Warehousing Corporation (NhavaSeva) Limited Panipat Haryana 157.46 13 Mums Mega Food Park Pvt. Ltd., Buxar Bihar 136.98 14 NDR Infrastructure Pvt. Ltd. Thiruvallur Tamil Nadu 187.33 15 Kerala Industrial Infrastructure Development Corporation (KINFRA) Palakkad Kerala 121.92 16 The Sukjhit Starch & Chemical Limited Kapurthala Punjab 128.28 17 Vinay Tiwari Agro Estates & Farms Pvt. Ltd. Ahmednagar Maharashtra 119.09