आम बजट (2015-16)

जयपुर

आम बजट (2015-16)

3 मार्च 2015 को 05:40 am बजे0

वित्‍तमंत्री अरूण जेटली ने वित्‍त वर्ष 2015-16 के लिए आम बजट 28 फरवरी 2015 को संसद में पेश किया. इस बजट में आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया. इसमें 2014-15 में वास्‍तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने की बात कही गई है. बजट भाषण में वित्‍तमंत्री ने संपत्ति कर समाप्‍त करने की घोषणा की और कहा कि कर चोरी करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया जाएगा. जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 12 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए का कवर मिलेगा. उन्‍होंने कहा कि 2022 तक हर परिवार को घर और परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट का स्‍वागत करते हुए इसे ‘सबका बजट’ करार दिया. उन्‍होंने कहा ‘केंद्रीय बजट 2015 में विजन स्पष्ट है. यह बजट प्रगतिशील, सकारात्मक, व्यावहारिक, तथ्यात्‍मक और दूरदर्शी है.’ उन्‍होंने कहा कि बजट 2015 में किसानों, युवा, गरीबों, नव-मध्यम वर्ग और आम नागरिक पर विशिष्ट ध्यान दिया गया है. इसमें संवृद्धि, समानता और रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है. मोदी ने कहा कि बजट निवेश अनुकूल है और कर मुद्दों पर सभी संदेहों को दूर करता है. यह निवेशकों को यह आश्वासन देता है कि हमारी कर प्रणाली सही, स्थिर‍ और पूर्वानुमेय है. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि बजट निराशा जनक है और इसमें स्‍पष्‍ट योजना का अभाव है. अरूण जेटली के बजट भाषण की मुख्‍य बातें निम्‍न प्रकार से हैं. पिछले नौ माह में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की साख बढ़ी। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था तीव्र विकास के पथ पर प्रशस्‍त है। कमजोर वैश्विक आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के अधिकांश विकास संकेतक उन्‍नति के मार्ग पर। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास में आर्थिक रूप से सशक्‍त राज्‍यों की समान रूप से सहभा‍गिता। प्रतिकूल वृहद आर्थिक संकेतकों के साथ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पहले ‘’नियति और निराशा’’ के दौर में थी, किंतु पिछले नौ महीनों में देश कामयाबी की छलांग लगाते हुए 7 दशमल चार प्रतिशत के वास्‍तविक सकल घरेलू उत्‍पाद के साथअब नई श्रृंखला में विश्‍व की सबसे बड़ी और तेजी से उभरने वाली अर्थवस्‍था के रुप में सामने आया है। शेयर बाजार में 2014 में दूसरा सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन। दीर्घकालिक ग‍रीबी उन्‍मूलन, रोजगार सृजन और दोहरे अंकों की विश्‍वसनीय आर्थिक विकास दर हासिल की गई। वि‍भिन्‍न क्षेत्रों में बेहतर सेवा के माध्‍यम से सरकार ने जनता का विश्‍वास हासिल किया। वित्‍तीय समायोजन- सौ दिनों के भीतर 12 दशमलव पांच करोड़ परिवारों को वित्‍तीय मुख्‍य धारा में शामिल गया। राज्‍यों के संसाधनों में वृद्धि के लिए पारदर्शी कोयला ब्‍लॉक नीलामी। स्‍वच्‍छ भारत अभियान न सिर्फ स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता में सुधार का एक कार्यक्रम है बल्कि यह भारत के पुनर्निर्माण आंदोलन का रूप ले चुका है। व्‍यापक सुधारों का शुभारंभ- माल और सेवाकर (जी एस टी) प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण के लिए – जन धन, आधार और मोबाइल (जे ए एम) कारगर हथियार मुद्रा स्‍फीति में महत्‍वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई। वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत सीपीआई स्‍फीति। इसके परिणाम स्‍वरूप मौद्रिक नीति को सरल बनाया। मुद्रास्‍फीति को 6 प्रतिशत से कम रखने की दृष्टि से भारतीय रिजर्व के साथ मौद्रि‍क नीति प्रारूप समझौता। अमृत महोत्‍सव- वर्ष 2022 – स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ, प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में ‘’टीम इंडिया’’ हेतु दृष्टिकोण सभी के लिए आवास- शहरी क्षेत्रों में 2 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 करोड़ आवास। 24 घंटे बिजली, स्‍वच्‍छ पेयजल, एक शौचालय सड़क संपर्क की मूलभूत सुविधा। आजीविका के लिए परिवार के कम से कम एक सदस्‍य को रोजगार। 2020 तक ऑफ–ग्रिड सौर ऊर्जा सहित शेष 20 हजार ग्रामों का विद्युतिकरण। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ जैसे महत्‍वपूर्ण कार्यक्रमों से भारत को विश्‍व के विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करना। युवाओं को रोजगार सृजन बनाने के लिए उद्यमिता की भावना का प्रोत्‍साहन और विकास। पूर्व और पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों का देश के अन्‍य भागों की तरह ही विकास कारना। सरकार सकल घरेलू उत्‍पाद की तीन प्रतिशत की दर पर राजकोषीय घाटा लक्ष्‍य हासिल करने के लिए कृतसंकल्‍प है। लाभार्थियों की संख्‍या एक करोड से बढ़ाकर 10 दशमलव 3 करोड़ के लिए प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण का विस्‍तार। कृषि उत्‍पादन हेतु दो महत्‍वपूर्ण निर्णायक कारकों मृदा और जल से निपटने के‍लिए महत्‍वपूर्ण कदम उठाए गए। ‘परंपरागत कृषि विकास योजना को पूरी तरह से सहायता प्रदान की जाएगी। ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ प्राप्‍त करने हेतु ‘प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना’। वर्ष 2015-16 के लिए आठ दश्‍मलव पांच लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण लक्ष्‍य। ऋण देने में अंतरजातीय और अंतर जन जातीय उद्यमों को वरीयता। गांवों में फैले 1,54,000 उपस्थित केंद्रों वाले डाक नेटवर्क का सामान्‍य वित्‍तीय प्रणाली तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाएगा। केवल 12 प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए के दुर्घटना जन्‍य मृत्‍यु जोखिम को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना। सड़कों और रेल मार्गों के लिए परिव्‍यय में तीव्र वृद्धि। सरकारी क्षेत्र में पूंजीगत व्‍यय बढ़ाया गया। 20,000 करोड़ रुपए के वार्षिक प्रवाह से राष्‍ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि की स्‍थापना की जाएगी। प्‍लग और प्‍ले मोड में प्रत्‍येक 4000 मेगावाट वाली 5 नई अल्‍ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाएं। सोना खरीदने के लिए विकल्‍प के तौर पर सरकारी स्‍वर्ण बाण्‍ड स्‍कीम बनाना। भारतीय सोने के सिक्‍के बनाने की दिशा में कार्य करना, जिसके अग्र भाग में अशोक चक्र होगा। निर्भया निधि के लिए 1000 करोड़ रुपए। आगमन पर वीजा सुविधा का विस्‍तार चरणबद्ध तरीके से 150 देशों तक करना। नवी‍करणीय ऊर्जा क्षमता को 2022 तक बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट तक करने का लक्ष्‍य। आंध्र प्रदेश की तरह बिहार और पश्चिम बंगाल में विशेष सहायता उपलब्‍ध कराई। जम्‍मू-कश्‍मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और असम में नए एम्‍स की स्‍थापना, बिहार में एम्‍स जैसे दूसरे संस्‍थान की स्‍थापना। वित्‍त वर्ष हेतु आयोजा भिन्‍न व्‍यय 13,12,200 करोड़ रुपए अनुमानित। आयोजना व्‍यय 4,65,277 करोड़ रुपए अनुमानित है। कुल व्‍यय 17,77,477 करोड़ रुपए अनुमानित है। रक्षा, आंतरिक सुरक्षा व्‍यय और अन्‍य आवश्‍यक व्‍यय की आवश्‍कता की पर्याप्‍त पूर्ति का प्रावधान किया गया। सकल कर प्राप्तियां 14,49,490 करोड़ रुपए अनुमानित है। राज्‍यों को अंतरण 5,23,958 करोड़ रुपए अनुमानित है। केन्‍द्र सरकार का हिस्‍सा 9,19,842 करोड़ रुपए होगा। आगामी वित्‍त वर्ष के लिए कर-भिन्‍न राजस्‍व 2,21,733 करोड़ रुपए अनुमानित है। अगले वित्‍त वर्ष से चार वर्षों में कारपोरेट कर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव। बचत सुगम बनाने के लिए व्‍यष्टि करदाता को छूट जारी करेगी। काले धन के सृजन और उसे छिपाने के कृत्‍य से प्रभावी और बलपूर्वक निपटा जाएगा। इस मामले में स्विस अधिकारियों के साथ बातचीत का एक प्रमुख सकारात्‍मक परिणाम भी सामने आया है। काले धन पर महत्‍वपूर्ण नए कानून। देश में विनिर्माण इकाईयों का विकास और निवेश तथा संवर्द्धन उपलब्‍ध कराना ताकि उनमें रोजगार सृजन हो सके। एंबुलेंस के चेसिस पर उत्‍पाद शुल्‍क को 24 प्रतिशत से घटाकर 12 दशमलव 5 प्रतिशत किया गया। कर प्रक्रियाओं को सरलीकरण। वार्षिक रूप से एक करोड़ से अधिक कर योग्‍य आय वाले धनिकों पर 2 प्रतिशत का अतिक्‍त अधिभार। घरेलू अंतरण मूल्‍य निर्धारण की प्रारंभिक सीमा पांच करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए की गई। नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्‍ट्रीय निधि में किया गया अनुदान आयकर अधिनियम की धारा 80 जीके अंतर्गत 100 प्रतिशत छूट। स्‍वच्‍छ भारत कोष और स्‍वच्‍छ गंगा निधि में सीएसआर अंशदान के अलावा, अंशदानों के लिए 100 प्रतिशत की छूट। स्‍वच्‍छ पर्यावरण पहलों के लिए वित्‍त पोषण के लिए कोयला आदि पर स्‍वच्‍छ ऊर्जा उप कर को 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति मी‍ट्रिक टन किया गया। विद्युत चालित वाहनों और हाई ब्रिड वाहनों पर लागू रियायती सीमा शुल्‍क और उत्‍पाद शुल्‍क की समय सीमा 31 मार्च 2016 तक बढ़ाई गई। स्‍वास्‍थ्‍य बीमा प्रीमियम की छूट सीमा को 15 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक, जबकि वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए 20,000 से 30,000 हजार तक किया गया। 80 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्‍ठ नागरिक जो स्‍वास्‍थ्‍य बीमा में कवर नहीं है, उन्‍हें चिकित्‍सीय व्‍यय के लिए 30 हजार रुपए की कटौती की अनुमति दी गई। विक्‍लांग व्‍यक्तियों के लिए 25 हजार रुपए की अतिरिक्‍त कटौती। पेंशन निधि और नई पेंशन स्‍कीम में अंशदान के लिए50 हजार रुपए की अतिरिक्‍त छूट। कृषि उत्‍पाद की ढुलाई में सेवाकर से छूट जारी रहेगी। कृत्रिम ह्रदय को 5 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्‍क और सी वी डी से छूट।

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